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Month: December 2017

My Hindi/Urdu translation of Charles Simic’s “Birds Know”

My Hindi/Urdu translation of Charles Simic’s “Birds Know”

पंछी जानते हैं एक तालाब है, एक आदमी ने कहा, दूर पीछे इस जंगल में, जिसके बारे में पंछी और हिरन जानते हैं और वहां अपनी प्यास बुझाते हैं इतने ठंडे और साफ़ पानी में, जैसे एक नया नकोर शीशा हो किसी को अभी तक देखने का मौका नहीं मिला, सिवाय, शायद, उस छोटे लड़के के, जो बहुत साल पहले गुम गया था, और हो सकता है उसमें डूब गया था, या फिर छोड़ गया हो कोई निशाँ उसके पथरीले…

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