My Hindi/Urdu translation of Kimberly Blaeser’s “What they did by Lamplight”

My Hindi/Urdu translation of Kimberly Blaeser’s “What they did by Lamplight”

लैंप की रौशनी में उन्होंने चावल साफ़ किये, हाथ से सिलाई की पाई बनाईं, धुनें बजाईं जीन्स पर पैबंद लगाए, पासे हिलाए मछली साफ़ की, सिगरटों के रोल बनाए “द फारमर” रिसाले को पढ़ा गलीचे बुने, जालों को रफ़ू किया, कहानियाँ सुनाईं चिट्ठियां लिखीं, माला बनाई, रजाइयों के चौक काटे स्वाम्प टी उबाली, बच्चे जने। जुराबों के टाँके भरे,आलू छीले, कॉफी पी ताश फेंटे, बाल काटे, टमाटरों को डब्बों में हिफाज़त से भरा आटा छाना, मोती पिरोए, गिरजे के गाने…

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My Hindi/Urdu translation of Charles Simic’s “Birds Know”

My Hindi/Urdu translation of Charles Simic’s “Birds Know”

पंछी जानते हैं एक तालाब है, एक आदमी ने कहा, दूर पीछे इस जंगल में, जिसके बारे में पंछी और हिरन जानते हैं और वहां अपनी प्यास बुझाते हैं इतने ठंडे और साफ़ पानी में, जैसे एक नया नकोर शीशा हो किसी को अभी तक देखने का मौका नहीं मिला, सिवाय, शायद, उस छोटे लड़के के, जो बहुत साल पहले गुम गया था, और हो सकता है उसमें डूब गया था, या फिर छोड़ गया हो कोई निशाँ उसके पथरीले…

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